रहस्यमयी शक्ति कहानियाँ


        रहस्यमयी शक्ति कहानियाँ

Synopsis – एक लड़की शामली जो सावली होती है | लोग उसकी शक्ल को देखते ही दुत्कारने लगते थे। लेकिन एक दिन ऐसा आता है कि  लोग शामली के सिक्स सेंस की तारीफ करते हुए उसे शाबाशी देते है | ऐसा क्या काम किया उस लड़की ने जो सब उसकी तारिफ करने लगे …? 

आखिरी क्या हुआ था उस लड़की के साथ ..?

जानने के लिए पढ़ें पूरी कहानी…..।

एक शामली नाम की लड़की थी, नाम के अनुरूप ही बहुत ही सांवलीकुरुप थी, लेकिन उसके मन में दया और ममता कूट-कूट कर भरी थी। लोगों के प्रति उसके मन में प्रेम था।

वह किसी को भी कष्ट और तकलीफ में नहीं देख पाती थी। किसी को भी दुखी देखकर उसका दिल कराह उठता था। वह कैसे भी करके शीघ्र ही उसकी दुखों को दूर कर पाती। जब भी वह किसी के दुख और कष्ट को दूर करने का प्रयास करती तो लोग उसकी शक्ल को देखते ही दुत्कारने लगते थे। लोगों के ऐसे व्यवहार से उसे बहुत दुख होता था। 

अपनी ऐसी भद्दी शक्ल-सूरत के लिए अपने आप को बहुत कोसती थी और भगवान से  प्रार्थना करती है कि मुझे “आपने ऐसा क्यों बनाया?”

किंतु मिट्टी के माधव भला कहां बोलने वाले थे। 

एक दिन एक लड़की का स्कूटी से एक्सीडेंट हो गया और वो बेहोश हो गई। शामली वहीं से गुजर रही थी। उसने देखा तो झट से उसको उठाया और अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने उसकी मरहम पट्टी करके दवाई दे दी। कुछ देर बाद उसे होश आया। उसने अपने पास खड़ी शामली को देखते ही बुरा सा मुंह बना लिया। 

शामली ने पूछा -“अपने घर का पता बता दो ताकि मैं आपके घर वालों को खबर कर सकूं।” 

मैं खुद ही फोन कर दूंगी, तुम यहां से जाओ तुम्हें देखते ही मेरी तबीयत और भी खराब होने लगती है।

“इस बात से उसे बहुत दुख हुआ और वह अपने घर आकर खूब रोई। 

मां के पूछने पर उसने सारी बात बताते हुए कहा-” मां! क्या मैं इतनी बुरी हूं कि लोग मुझे देखना तक पसंद नहीं करते। लोग मेरी सूरत पर क्यों जाते हैं? मुझे दिल से क्यों नहीं प्यार करते हैं ?” 

कहकर हिचकियां लेकर रोने लगी।

“बेटा मन छोटा मत करो भगवान की इसमें भी कुछ मर्जी ही होगी भगवान ने जो भी दिया है उसे स्वीकार करना चाहिए।

“मां फिर और लोग क्यों नहीं स्वीकार करते हैं। मुझे?”

बिटिया, यह उनकी नासमझी का फेर है कि वह इस बात को समझ नहीं रहे हैं। लेकिन तुम तो समझदार हो। यह कहकर उसके दिल को शांत करने का प्रयास करने लगी। 

उसके मन को शांति नहीं मिली तो वह भगवान की फोटो के सामने ही जमीन पर लेटकर खूब रोई और रोती ही रही।

रोते- रोते ही जाने कब उसकी आंख लग गयी। तभी लगा उसे कोई पुकार रहा है। 

आवाज की दिशा में मुंह घुमा कर देखा तो सामने चतुर्भुजी भगवान विष्णुजी खड़े थे। 

भगवान को देखते ही उनके पैरों पर गिर पड़ी और रोते हुए बोली  “प्रभु जी! आपने मुझे इस संसार में भेजा था तो मेरी शक्ल-सूरत भी अच्छी बना देते जिससे कोई मुझसे नफरत तो ना करता।” 

प्रभु गंभीर रोते हुए बोले -“ बेटी, तुमने भी लोगों का बहुत मजाक बनाया और उनका उपहास उडाया जो आज लोग तुम्हारे साथ कर रहे है, वही तुमने भी लोगो के साथ किया हे।

” इसलिए तुम्हे इस जन्म, में इस रूप में जन्म लेना पड़ा। इसमें मेरा रंज मात्र भी दोष नही हैं।” मनुष्य के कर्म ही, उसके जन्म की रूपरेखा निर्धारित करते हैं।” 

“प्रभु! मेरे जीवन को सार्थक और अपने कर्मों को सही करने के लिए कोई उपाय तो बताइए। मेरे जीवन का कोई उद्देश्य है तो उस उद्देश्य को ही राह दिखाइए। 

“भगवान ने कहा – “मैं तुम्हारे कर्मों को सही करने के लिए तुम्हें कुछ और शक्तियां दे सकता हूं। तुम चाहो तो उसका सार्थक उपयोग कर लोगों का जीवन बचा सकती हो!” 

भगवन ! वह मैं कैसे कर सकती हूं, मेरा मार्गदर्शन करें|

“तुम एक दयालु लड़की हो। इसलिए मैं तुम्हें एक अमूल शक्ति दे रहा हूं भविष्य दृष्टा की। 

“भविष्य दृष्टा ” यह क्या है भगवान?”

यह वह शक्ति है, जिसके द्वारा तुम किसी की आने वाली मौत के बारे में जान सकती हो और उसे सचेत कर बचा सकती हो, लेकिन उसका जीवन कैसे बचाना है यह तुम्हें ही निश्चित करना पड़ेगा।” कहकर भगवान अंतर्ध्यान हो गए। 

शामली ने आंख खोलकर देखा, भगवान फोटो में मधुर मुस्कान बिखेर रहे थे। 

अब जब भी उसे किसी के भी मरने का एहसास होता तो वह लोगों से बताती” उसे सावधान करने की कोशिश करती। किन्तु लोग उसकी बातों का, मजाक उड़ाते और बात न मानने पर नतीजा सामने आता तो लोग उसको बुरा भला कहते। 

इससे तो उसके साथ और भी बुरा होने लगा। लोगो की मृत्यु की भविष्यवाणी करने पर जब उन लोगो की मृत्यु हो जाती। 

एक दिन में अपने घर के बाहर चबूतरे पर बैठी थी। तभी उसे एहसास हुआ की मौत उसकी आंखों के सामने नाच रही है। सामने ही चौराहे पर सिलेंडर से भरी हुई वैन जाम में फसी खड़ी है। उसी समय गैस सिलेंडर से भरी गाड़ी में ही कहीं से एक पटाखा उस गाड़ी में गिर जाता है और एकाएक गाड़ी में सिलेंडर आग और गैस के संपर्क में आते ही फटने लगते हैं। पूरे बाजार में अफरा-तफरी मचने लगती है। लोग जान बचाने को दौड़ रहे हैं। पूरा चौराहा उसके आसपास की दुकानें सभी आग की लपटों में झुलसे जा रहे हैं। चारों तरफ चीख-पुकार और हाहाकार मच 

गया । यह भयानक दृश्य वो देख ना सकी घबरा कर उसने अपनी आंखें खोल दी ।अपनी आंखें खोलते ही उसने देखा फिर सामने चौराहे पर जाम लगा हुआ था। सब कुछ वैसा ही लग रहा था जैसा अभी उसने देखा था। वह परेशान

होकर सोच ही रही थी तभी उसे दूर विपरीत दिशा से सिलेंडर से भरी हुई वैन आती हुई दिखाई दी। 

शामली का हृदय भविष्य की अज्ञात आशंका से धड़कने लगा । घबराकर वह उसी दिशा की तरफ दौड़ पड़ी जिधर से वह वैन आ रही थी । वह नहीं चाहती थी वह वैन वहां बाजार में आए इससे पहले ही वह दौड़ती हुई वहां पहुंची। वह किसी बहाने से गाड़ी को रोकना चाहती थी। 

उसने गाड़ी वाले से पूछा -” भाई, तुम्हें कहां जाना है?” गाड़ी वाले ने बताया “इसी चौराहे से होते हुए आगे शहर के बाहर गोदाम तक उसे यह सिलेंडर से भरी गाड़ी उतारनी है।”शामली ने कहा-” भैया ! तुम इधर से अपनी गाड़ी मत जाओ। यहां शाम का समय है और बाजार में बहुत भीड़ है। जाम में फस जाओगे तो तुम्हारा निकलना मुश्किल हो जाएगा। मैं तुम्हें दूसरा रास्ता बताती हूं तुम उधर से अपनी गाडी ले जाओ।

“ड्राइवर बोला…उधर का रास्ता बहुत लंबा है। हमे इसी बाजार से निकलना है। हमे गाड़ी खाली करके दूसरी” साइड पर भी ले जाना है। इसलिए मैं तो इसी रास्ते से जाऊंगा।”शामली हट करने लगी” भैया तुम गाड़ी इधर से नहीं निकल सकते। लोगे। तुम इधर दूसरे रास्ते से चलो मुझे भी उधर जाना है। 

भैया तुम मुझे वहां छोड़ देना। “वैन वाला अपनी जिद किए कि मैं इधर से ही जाऊंगा मैं तुम्हें भला क्यों उधर लेकर जाऊंगा। शामली वैन वाले को डराते हुए -” भैया मेरी बात मान लो यदि आप इधर से गुजरेंगे तो हो सकता है कि आपकी गाड़ी में कोई ब्लास्ट हो जाए तब यहां पर कितना बड़ा नुकसान होगा।

“बेवकूफ लड़की,मेरी गाड़ी में ब्लास्ट क्यों होगा ऐसी बातें क्यों कर रही हो?”बस मेरा मन नहीं था कि तुम गाड़ी उधर भीड़ वाली जगह से निकालो इसलिए मैं कह रही हूं।

“शामली की बातों से ड्राइवर के मन में कुछ आया और वह सोचने लगा। तभी उसने देखा है कहीं से उड़ता हुआ पटाखा आया और वहीं चौक बाजार में एक बाइक खड़ी थी उसके ऊपर गिरा। बाइक में विस्फोट हुआ और और बाइक धू-धू कर जलने लगी। जलने से बाइक की पेट्रोल की टंकी में आग लग गई और वह फट गई। 

बाजार में अफरा-तफरी मच गई कुछ लोग घायल हुए  वैन के ड्राइवर और वहां आसपास खड़े लोग जो इन लोगों की बहस देख रहे थे । वह यह नजारा देखकर दहशत में आ गए। वैन वाला सांगली को धन्यवाद देते हुए अपनी गाड़ी को उसने लंबे वाले रास्ते की तरफ बढ़ा दिया।

 लोग शामली के सिक्स सेंस की तारीफ करते हुए उसे शाबाशी दे रहे थे, एक भयानक बड़े हादसे से उसने बचा लिया। शामली को बहुत अफसोस था कि वह इन घायल लोगों से नहीं बचा पायी | मन में यह भी संतोष था अगर वह वैन वहीं होती तो कितना बड़ा हादसा होता। यह सोचकर ही उसकी रूह कांप उठी।

“उसने मन ही मन भगवान को धन्यवाद दिया”अब लोग शामली को मानने लगे, और उसके कार्यों से उसे चाहने भी लगे?”


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